अंग्रेज भारत आए,तो जयपुर शहर की बहादुरी और यहाँ के "आदरभाव" को देखकर दंग रह गये। इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण यह है की यह की जब prince ऑफ़ wales ,जो की बाद में "king Adward" कहलाये, जब 1876 में भारत आये तो जयपुर के महाराज राम सिंह द्वितीय ने आदेश दिया कि सारे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया जाए, और तब से लेकर आज पुराना शहर गुलाबी रंग से पुता हुआ है।" सम्पन्नता"जयपुर शहर का दूसरा नाम है। तभी तो अंग्रेजों ने भी इसका लोहा माना था।आज जो भारत आने वाले पर्यटकों कि मानसिकता यहाँ के पीने के पानी के बारे में है, वही स्तिथि तब यहाँ के राजा महाराजाओं की इंग्लैंड के पानी के बारे में थी। बीसवी शताब्दी की शरुआत में जब जयपुर के महाराज माधो सिंह द्वितीय इंग्लैंड के दौरे पर गये तो दो बड़े गंगाजल से भरे चांदी के जार [प्रत्येक की क्षमता 8181 लीटर ]पीने के लिए इंग्लैंड अपने साथ ले गए थे,ताकि इंग्लैंड के पानी से उन्हें किसी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या न हो। उस समय यह बात सारे इंग्लैंड चर्चा का विषय थी । है ना मजेदार बात !!!!!!!!!!!!!!!!
Sunday, May 25, 2008
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5 comments:
nice history product,good to know about our kings of those period,keep going iwill be your regular reader.,,,,,,rashmi.
wah kya baat hai,chalo kisi ne to unhe nicha dikhane ki kosis ki :-)
Kripya word verification hata den hindi bloging me abhi spam ki koi samsya nahi.hame tippni dene me aasani hogi.
LOVELY
bahut achhee jaankaaari dee hai aapne. main aapko apne blog me bhee likhne ke liye aamantrit karta hoon, agar time mile, to ekaadh aarticle ya koi bhee achhee jaankaari aap ranchihalla me bhee daal sakte hain, main aapka e-mail khoj raha hoon, agar mil gaya to aapko invitation bhejoonga...
nadeem
रोचक जानकारी है, याद दिलाने का शुक्रिया ,
मेरे नौजवान मित्र !
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