Sunday, May 25, 2008

वाह रे पानी !!!!!!!!!!!!!!!!


अंग्रेज भारत आए,तो जयपुर शहर की बहादुरी और यहाँ के "आदरभाव" को देखकर दंग रह गये। इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण यह है की यह की जब prince ऑफ़ wales ,जो की बाद में "king Adward" कहलाये, जब 1876 में भारत आये तो जयपुर के महाराज राम सिंह द्वितीय ने आदेश दिया कि सारे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया जाए, और तब से लेकर आज पुराना शहर गुलाबी रंग से पुता हुआ है।" सम्पन्नता"जयपुर शहर का दूसरा नाम है। तभी तो अंग्रेजों ने भी इसका लोहा माना था।आज जो भारत आने वाले पर्यटकों कि मानसिकता यहाँ के पीने के पानी के बारे में है, वही स्तिथि तब यहाँ के राजा महाराजाओं की इंग्लैंड के पानी के बारे में थी। बीसवी शताब्दी की शरुआत में जब जयपुर के महाराज माधो सिंह द्वितीय इंग्लैंड के दौरे पर गये तो दो बड़े गंगाजल से भरे चांदी के जार [प्रत्येक की क्षमता 8181 लीटर ]पीने के लिए इंग्लैंड अपने साथ ले गए थे,ताकि इंग्लैंड के पानी से उन्हें किसी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या न हो। उस समय यह बात सारे इंग्लैंड चर्चा का विषय थी । है ना मजेदार बात !!!!!!!!!!!!!!!!